Class 9 NCERT Solutions Hindi Chapter 8 - Swami Anand
Swami Anand Exercise प्रश्न-अभ्यास (मौखिक)
Solution 1
महादेव भाई अपना परिचय गाँधी जी के 'हम्माल' और 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में देते थे जिसका अर्थ है - सभी प्रकार के काम सफलता पूर्वक करने वाला।
Solution 2
यंग इंडिया के मुख्य लेखक हार्नीमैन को गांधी जी का अनुयायी होने के कारण देश निकाला दे दिया गया था। वे इंग्लैंड चले गए थे। अत: मुख्य लिखने वाला चला गया था।
Solution 3
गांधीजी ने 'यंग इंडिया' प्रकाशित करने के विषय में यह निश्चय किया कि यह हफ्ते में दो बार छपेगी क्योंकि सत्याग्रह आन्दोलन में लीन रहने के कारण गांधी जी का काम बहुत बढ़ गया था।
Solution 4
गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे। इसके साथ-साथ उन्होंने अहमदाबाद में वकालत भी शुरू कर दी थी।
Solution 5
महादेव भाई के झोलों में समाचार पत्र, मासिक पत्रिकाएँ पत्र और पुस्तकें भरी रहती थीं।
Solution 6
महादेव जी ने गांधीजी द्वारा लिखित 'सत्य के प्रयोग' का अंग्रेजी में अनुवाद किया था।
Solution 7
अहमदाबाद से - (1) यंग इंडिया (2) नवजीवन दो साप्ताहिक निकलते थे।
Solution 8
महादेव भाई दिन में 17-18 घंटे काम करते थे।
Solution 9
महादेव भाई से गांधीजी की निकटता निम्न वाक्य से सिद्ध होती है -
'ए रे जख्म जोगे नहि जशे' - यह घाव कभी योग से भरेगा नहीं।
Swami Anand Exercise प्रश्न-अभ्यास (लिखित)
Solution क - 1
महादेव गांधी जी के लिए पुत्र से भी बढ़कर थे सन 1917 में वे गांधी जी के पास पहुँचे थे। गाँधी जी ने उनको तत्काल ही पहचान लिया और उनको अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया। गांधीजी जब 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड के बाद पंजाब जा रहे थे तो पलवल रेलवे स्टेशन पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तभी गांधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था और तभी से वे इसी रूप में पूरे देश में लाडले बन गए।
Solution क - 2
गाँधीजी से मिलने आनेवालों से महादेव जी खुद मिलते थे, उनकी समस्याएँ सुनते, उनकी संक्षिप्त टिप्पणी तैयार करते और गांधी के सामने पेश करते थे और इसके बाद वे आने वालों के साथ उनकी रूबरू मुलाकात करवाते थे।
Solution क - 3
महादेव भाई देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्र में गांधी जी की प्रतिदिन की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। उन्होंने 'सत्य का प्रयोग' का अंग्रेज़ी अनुवाद किया जो कि गांधीजी की आत्मकथा थी। वे प्रतिदिन डायरी लिखते थे यह साहित्यक देन डायरी और अनगिनत अभ्यास पुस्तकें आज भी मौजूद हैं। शरद बाबू, टैगोर आदि की कहानियों का भी अनुवाद किया, 'यंग इंडिया' में लेख लिखे।
Solution क - 4
महादेव भाई भरी गर्मी में वर्धा से पैदल चलकर सेवाग्राम आते थे और जाते थे। यह सिलसिला लंबे समय तक चला। 11 मील रोज़ गर्मी में पैदल चलने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ा और उनकी अकाल मृत्यु हो गई।
Solution क - 5
महादेव भाई की लेखन प्रतिभा अद्वितीय थी। उनके लिखे नोट के विषय में गांधीजी कहते थे कि वे सटीक होते हैं। उनमें कभी कॉमा तक की गलती भी नहीं होती है लिखावट भी सुंदर है।
Solution ख - 1
पंजाब में फ़ौजी शासन ने बहुत कहर बरसाया। अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार करके उम्र कैद की सज़ा देकर काला पानी भेज दिया गया। लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक पत्र 'ट्रिब्यून' के संपादक को 10 साल की सज़ा मिली तथा 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड हुआ। लोगों पर अनगिनत अत्याचार किए गए।
Solution ख - 2
महादेव जी प्रतिभा संपन्न व्यक्ति थे। वे कर्तव्यनिष्ठ थे, विन्रम स्वभाव के थे। उनकी लेखन शैली का सभी लोहा मानते थे। वे कट्टर विरोधियों के साथ भी सत्यनिष्ठता और विवेक युक्त बात करते थे। महादेवी जी गांधी जी के सहयोगी थे। उनका अधिकतर समय गांधी जी के साथ देश भ्रमण तथा उनकी प्रतिदिन की गतिविधियों में बीतने लगा। वे समय-समय पर गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। देश में ही नहीं विदेश में भी लोकप्रिय थे। इन्हीं सब करणों से वे सबके लाडले थे।
Solution ख - 3
महादेव जी शुद्ध व सुंदर लेख लिखते थे। उनके अक्षरों का कोई सानी नहीं था। वाइसराय को जाने वाले पत्र गांधीजी हमेशा महादेव जी से ही लिखाते थे। उन पत्रों को देखकर वाइसराय भी लंबी साँस लेते थे। उनका लेखन सबको मंत्रमुग्ध कर देता था। बड़े-बड़े सिविलियन और गवर्नर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सर्विसों में उनके समान अक्षर लिखने वाला कोई नहीं था।
Solution ग - 1
लेखक गांधीजी के निजी सचिव की निष्ठा, समर्पण और उनकी प्रतिभा का वर्णन करते हुए कहते हैं कि वे स्वयं को गांधीजी का निजी सचिव ही नहीं बल्कि एक ऐसा सहयोगी मित्र मानते थे जो सदा उनके साथ रहे। वे गांधी जी की प्रत्येक गतिविधि उनका भोजन, उनके दैनिक कार्यो में हमेशा उनका साथ देते थे। गांधीजी के सब छोटे-बड़े सभी काम करते थे और सभी कार्य कुशलता पूर्वक करते थे। इसी कारण वे स्वयं को गांधीजी के 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' कहते थे और उसमें गौरव का अनुभव करते थे।
Solution ग - 2
एक वकील के पेशे में उसका काम गलत को सही और सही को गलत सिद्ध करना होता है। काले कारनामों को भी उत्तम करार दे दिया जाता है तथा जो सही है उसे भी दलीलों के माध्यम से गलत सिद्ध कर दिया जाता है। इसमें पूरी सच्चाई से काम नहीं होता। इसलिए ही गाँधीजी ने इसको छोड़ा था।
Solution ग - 3
महादेव देसाई जी को एक शुक्रतारे के समान माना गया है। वे चाहे थोड़े समय पर अपनी छटा से सबको मोहित करते रहे। महादेव भाई भी असमय काल के ग्रास बन गए। शुक्रतारे की तरह अल्प समय में अपनी प्रतिभा से संपूर्ण विश्व को मन्त्र मुग्घ करके सन् 1935 में अस्त हो गए।
Solution ग - 4
महादेव देसाई जी द्वारा लिखे लेख,टिप्पणियाँ तथा पत्र अद्भुत होते थे। उनकी लिखाई बहुत ही सुन्दर थी। वे जो पत्र लिखकर गाँधीजी की ओर से भेजते थे, उन्हें दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय भी पढ़कर हैरत में पड़ जाते थे। लेख और लेखनी दोनों ही बहुत अच्छी थी कि वे लंबी-लंबी साँसे लेने लगते थे।
Swami Anand Exercise भाषा अध्ययन
Solution 1
सप्ताह |
साप्ताहिक |
साहित्य |
साहित्यिक |
व्यक्ति |
वैयक्तिक |
राजनीति |
राजनीतिक |
अर्थ |
आर्थिक |
धर्म |
धार्मिक |
मास |
मासिक |
Solution 2
आर्य |
अनार्य |
डर |
निडर |
क्रय |
विक्रय |
उपस्थित |
अनुपस्थित |
नायक |
अधिनायक |
आगत |
स्वागत |
मार्ग |
कुमार्ग |
लोक |
परलोक |
भाग्य |
सौभाग्य |
Solution 3
1. आड़े हाथों लेना - घर देर से आने पर माँ ने बेटे को आड़े हाथों ले लिया।
2. दाँतों तले अँगुली दबाना - दो वर्ष के बालक को मोबाईल पर खेलते देखा तो सबने दाँतों तले अँगुली दबा ली।
3. लोहे के चने चबाना - भारतीय सेना बड़े से बड़े शक्तिशाली देश को भी लोहे के चने चबवा दे।
4. अस्त हो जाना - बहुत मेहनत के बाद भारतीय वैज्ञानिक महामारी का सूर्य अस्त करने में सफल रहे।
5. मंत्र-मुग्ध करना - मोहिनी ने अपने नृत्य से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
Solution 4
वारिस |
वंश, उत्तराधिकारी |
मुकाम |
लक्ष्य, मंज़िल |
तालीम |
शिक्षा, ज्ञान, सीख |
जिगरी |
पक्का, घनिष्ठ |
फ़र्क |
अंतर, भेद |
गिरफ़्तार |
कैद, बंदी |
Solution 5
1. महादेव भाई अपना परिचय 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में दिया करते थे।
2. पीड़ितों के दल-के-दल ग्रामदेवी के मणिभवन पर उमड़ा करते थे।
3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।