Class 9 NCERT Solutions Hindi Chapter 10 - Raheem [Poem]
Raheem Exercise प्रश्न-अभ्यास
Solution 1 - क
प्रेम आपसी लगाव, निष्ठा, समपर्ण और विश्वास का नाम है। यदि एक बार भी किसी कारणवश इसमें दरार आती है तो प्रेम फिर पहले जैसा नहीं रह पाता है। जिस प्रकार धागा टूटने पर जब उसे जोड़ा जाए तो एक गाँठ पड़ ही जाती है। अत:प्रेम सम्बन्ध बड़ी ही कठिनाई से बनते हैं इसलिए इन्हें जतन से सँभालकर रखना चाहिए।
Solution 1 - ख
हमें अपना दुःख दूसरों पर नहीं प्रकट करना चाहिए क्योंकि इससे हम केवल दूसरों के उपहास के पात्र बनते हैं।
अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार हमारे प्रति उपहासपूर्ण और दुख को और बढ़ानेवाला हो जाता है।
Solution 1 - ग
सागर पानी से लबालब भरा होने के बावजूद उसके जल को कोई पी नहीं पाता क्योंकि उसका स्वाद खारा होता है। इसके विपरीत पंक के जल को पीकर छोटे जीव-जंतु की प्यास बुझ जाती है। वे तृप्त हो जाते हैं इसलिए रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को उसकी उपयोगिता के करण धन्य कहा है।
Solution 1 - घ
कवि रहीम के अनुसार एक ही ईश्वर पर अटूट विश्वास रखने से सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। जिस प्रकार जड़ को सींचने से हमें फल और फूलों की प्राप्ति हो जाती है उसी प्रकार एक ही ईश्वर को स्मरण करने से हमें सारे सुख प्राप्त हो जाते हैं।
Solution 1 - ड
यद्यपि सूर्य कमल का पोषण करता है परन्तु पानी नहीं होता तो कमल सूख जाता है क्योंकि कमल को पुष्पित होने के लिए जल की अधिक आवश्यकता होती है। अत: कमल की संपत्ति जल है उसके न रहने पर सूर्य भी उसकी सहायता नहीं कर सकता है।
Solution 1 - च
अवध नरेश को चित्रकूट अपने वनवास के दिनों में जाना पड़ा। यहाँ कहने का तात्पर्य यह है कि संकट के समय सभी को ईश्वर की शरण में जाना पड़ता है।
Solution 1 - छ
'नट' कुंडली मारने की कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है।
Solution 1 - ज
'मोती, मानुष, चून' के संदर्भ में पानी का महत्त्व यह है कि मोती को उसकी चमक पानी से ही प्राप्त होती है। मनुष्य के संदर्भ में पानी का अर्थ उसके मान-सम्मान से है और आटे के संदर्भ में उसे गूंथने और खाने योग्य बनाने से है। इस तरह तीनों का ही पानी के बिना महत्त्व कम हो जाता है।
Solution 2 - क
इस पंक्ति का भाव यह है कि प्रेम सम्बन्धी धागे को यत्नपूर्वक सहेजकर रखना चाहिए। यह धागा यदि एक बार टूट जाए तो अपनी सामान्य स्थिति में नहीं लौट सकता। यदि लौट भी जाए तो उसमें गाँठ हमेशा ही बरक़रार रहेगी।
Solution 2 - ख
इस पंक्ति का भाव यह है कि अपना दुःख अपने तक ही सीमित रखें। उसे सबको बताकर हँसी-मज़ाक का पात्र न बने क्योंकि दूसरे का दुःख कोई बाँटता नहीं है।
Solution 2 - ग
इस पंक्ति का भाव यह है कि फल-फूल पाने के लिए जड़ को ही सींचना चाहिए अर्थात् कवि यहाँ पर एक ही ईश्वर भक्ति की ओर ध्यान देने के लिए कहते हैं।
Solution 2 - घ
इस पंक्ति का भाव यह है कि दोहे में अक्षर कम होने के बावजूद उसमें गूढ़ अर्थ छिपा रहता है। उनका गूढ़ अर्थ ही उनकी गागर में सागर भरने की प्रवृत्ति को स्पष्ट कर देता है। ठीक वैसे ही जैसे नट कुंडली को समेटकर कूदकर रस्सी पर चढ़ जाता है।
कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि हम जीवन में जो भी कार्य करें उसमें हमें सिद्धहस्त होना चाहिए।
Solution 2 - ड
इस पंक्ति का भाव यह है कि मधुर संगीत को सुनकर हिरन अपने प्राण तक न्योछावर करने के लिए तैयार हो जाता है और मनुष्य किसी कला पर मोहित होकर उसे धन देता है और कल्याण करता है परन्तु जो दूसरों से प्रसन्न होकर भी कुछ नहीं देता, वह नर पशु समान है।
Solution 2 - च
इस पंक्ति का भाव यह है कि हर-एक छोटी-बड़ी वस्तु का अपना-अपना महत्त्व होता है। जो काम सुई कर सकती है वह काम तलवार नहीं कर सकती है और जो काम तलवार कर सकती है वह कार्य सुई नहीं कर सकती अत: सबकी अपनी-अपनी उपयोगिता होती है और किसी की भी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
Solution 2 - छ
इस पंक्ति का भाव यह है कि मोती में चमक न रहे तो वह व्यर्थ हो जाता है, मनुष्य का आत्म-सम्मान न रहे तो उसका जीवन बेकार है और यदि आटे में पानी ना हो तो वह खाने लायक नहीं होता। पानी के बिना ये तीनों ही उबर नहीं सकते हैं।
Solution 3 - क
जा पर विपदा पड़त है, सो आवत यह देस।
Solution 3 - ख
बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
Solution 3 - ग
रहिमन पानी राखिये, बिनु पानी सब सून।
Solution 4
ज्यों |
जैसे |
कछु |
कुछ |
नहिं |
नहीं |
कोय |
कोई |
धनि |
धन्य |
आखर |
अक्षर |
जिय |
जीव |
थोरे |
थोड़े |
होय |
होता |
माखन |
मक्खन |
तलवारि |
तलवार |
सींचिबो |
सींचना |
मूलहिं |
मूल |
पिअत |
पीते ही |
पिआसो |
प्यासा |
बिगरी |
बिगड़ी |
आवे |
आए |
सहाय |
सहायक |
ऊबरै |
उबरे |
बिनु |
बिन |
बिथा |
व्यथा |
अठिलैहैं |
इठलाएगे |
परिजाय |
पड़ जाए |