Class 7 NCERT Solutions Hindi Chapter 7 - Paapa Khogaye
Paapa Khogaye Exercise भाषा की बात
Solution 3
- चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद -
चॉक - अरे ब्लैक बोर्ड, मैं तो लिखते-लिखते घिस जाता हूँ।
ब्लैक बोर्ड - हाँ, वैसे तो तुम सही कह रहे हो। परन्तु लिखते-लिखते मेरी चमक भी तो फीकी पड़ जाती है।
चॉक - लेकिन, कुछ भी कहो ब्लैक बोर्ड जब हम दोनों के उपयोग से बच्चे जब कुछ नया सीखते हैं, तो बड़ा आनंद होता है।
ब्लैक बोर्ड - हाँ, यह तो तुमने सौ प्रतिशत सच कहा।
- कलम का कॉपी से संवाद -
कलम - कॉपी, 'देखा मेरा नया रंग-रूप।'
कॉपी - हाँ, भाई हाँ,
कलम - वैसे, तुम भी सुंदर नज़र आ रहे हो।
कॉपी - हाँ, ये नई छपाई का कमाल है।
- खिड़की का दरवाजे से संवाद -
खिड़की - दरवाजे भैया, क्या बात है आज तो आपको बात करने की फुर्सत नहीं है।
दरवाजा - क्या बताऊँ, सुबह से ये रंग-रोगन वालों ने परेशान कर रखा है।
खिड़की - अरे भाई, ऐसा क्यों बोल रहे हो? इससे आप चमक उठोगे।
दरवाजा - हाँ, यह तो तुमने ठीक ही कहा।
Solution 1
रात के दृश्य को मंच पर दिखाने के लिए हम निम्न बातें कर सकते हैं - घुप्प अँधेरा, चाँद तारों की रोशनी, दूर कुत्तों के भौकनें की आवाज़ें, बिल्ली के रोने की आवाज, नेपथ्य में चौकीदार की जागते रहो की आवाज, हवा की साँय-साँय की आवाज आदि।
Solution 2
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे ! वो बिजली थी या आफ़त ! याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था, खंभे महाराज ! अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है। अंग थरथर काँपने लगते हैं।
Paapa Khogaye Exercise प्रश्न-अभ्यास
Solution 1
हमें नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र कौआ लगा क्योंकि कौए ने ही लड़की के पापा को खोजने का उपाय बताया उसी की योजना के कारण लेटर बाक्स संदेश लिख पाता है। वह उड़-उड़ कर अच्छे-बुरे की जानकारी रखता है। उसी की इस पहचान के कारण लड़की असामाजिक तत्वों के हाथ जाने से बच जाती है।
Solution 2
एक बार जोरों की आँधी आने के कारण खंभा पेड़ के ऊपर गिर जाता है उस समय पेड़ उसे सँभाल लेता है और इस प्रयास में वह ज़ख्मी भी हो जाता है। इस घटना से खंभें में जो गुरुर होता है, वह खत्म हो जाता है और अंत में दोनों की दोस्ती हो जाती है।
Solution 3
लैटरबक्स ऊपर से नीचे पूरा लाल रंग में रँगा था और बड़ों की तरह बात करने के कारण सभी उसे लाल ताऊ कहकर पुकारते थे।
Solution 4
लाल ताऊ पढ़ा-लिखा, हँस-मुख और मिलनसार था। वह नीरस और उबाऊ वातावरण को भी अपने भजनों से आनंदमय बना देता था। लाल ताऊ अपने अंदर पड़े पत्रों को बोरियत मिटाने के लिए पढ़ लेता था। वह किसी से डरता भी नहीं था। समाज की चिंताएँ भी उसे सताती रहती थी। इन्हीं सब कारणों से लाल ताऊ बाकी पात्रों से भिन्न है।
Solution 5
नाटक में कौआ ही एक मात्र सजीव पात्र है जिसकी हमें निम्न बातें मजेदार लगी -
1. "वह दुष्ट कौन है? पहले उसे नज़र तो आने दीजिए।"
2. ताऊ एक जगह बैठकर यह कैसे जान सकोगे? उसके लिए तो मेरी तरह रोज चारों दिशाओं में गश्त लगानी पड़ेगी, तब जान पाओगे यह सब।"
Solution 6
लड़की बहुत ही छोटी और नादान होने के कारण उसे अपने घर के पते के बारे में और यहाँ तक कि अपने पापा के नाम के बारे में भी कुछ नहीं बता पा रही थी। इसी कारण सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे।
Solution 7
लड़की को अपने पापा का नाम-पता कुछ भी मालूम नहीं था। कहानी के सभी पात्र मिलकर उसके पापा को खोजने की योजना बनाते हैं इसी कारण इस नाटक का नाम 'पापा खो गए' रखा गया होगा।
इसका अन्य शीर्षक 'लापता बच्ची' भी रखा जा सकता है क्योंकि इस नाटक में पूरे समय इसी बच्ची के घर का पता लगाने का प्रयास किया जाता है।
Solution 8
हम बच्ची को उसके घर तक पहुँचाने के लिए पुलिस समाचार-पत्र, पोस्टर, टीवी और मिडिया की भी सहायता ले सकते हैं।