Class 8 NCERT Solutions Hindi Chapter 7 - Kya Nirash Huaa Jaae
Kya Nirash Huaa Jaae Exercise प्रश्न-अभ्यास
Solution 1
लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों का वर्णन करते हुए कहा है कि उसने धोखा भी खाया है परंतु बहुत कम स्थलों पर विश्वासघात नाम की चीज मिलती है। पर उसका मानना है कि अगर वो इन धोखों को याद रखेगा तो उसके लिए विश्वास करना बेहद कष्टकारी होगा और ऐसी घटनाएँ भी बहुत कम नहीं हैं जब लोगों ने अकारण उनकी सहायता की है, निराश मन को ढाँढस दिया है और हिम्मत बँधाई है।
टिकट बाबू द्वारा बचे हुए पैसे लेखक को लौटाना, बस कंडक्टर द्वारा दूसरी बस व बच्चों के लिए दूध लाना आदि ऐसी घटनाएँ हैं। इसलिए उसे विश्वास है कि समाज में मानवता, प्रेम, आपसी सहयोग समाप्त नहीं हो सकते।
Solution 2
दोषों का पर्दाफ़ाश करना तब बुरा रूप ले सकता है जब हम किसी के आचरण के गलत पक्ष को उद्घाटित करके उसमें रस लेते है या जब हमारे ऐसा करने से वे लोग उग्र रूप धारण कर किसी को हानि पहुँचाए।
Solution 3
इस प्रकार के पर्दा फाश से समाज में व्याप्त बुराईयों से, अपने आस-पास के वातावरण तथा लोगों से अवगत हो जाते हैं और इसके कारण समाज में जागरूकता भी आती है साथ ही समाज समय रहते ही सचेत और सावधान हो जाता हैं।
Solution 4
1. ''सच्चाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है। - तानाशाही बढ़ेगी
2. ''झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल-फूल रहे हैं।'' - भ्रष्टाचार बढ़ेगा
3. ''हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।'' - अविश्वास बढ़ेगा
Solution 5
लेखक ने इस लेख का शीर्षक 'क्या निराश हुआ जाए' उचित रखा है। आजकल हम अराजकता की जो घटनाऍ अपने आसपास घटते देखते रहते हैं। जिससे हमारे मन में निराशा भर जाती है। लेकिन लेखक हमें उस समय समाज के मानवीय गुणों से भरे लोगों को और उनके कार्यों को याद करने कहा हैं जिससे हम निराश न हो।
इसका अन्य शीर्षक 'हम निराशा से आशा' भी रख सकते हैं।
Solution 6
'क्या निराश हुआ जाए' के बाद मैं प्रश्न चिन्ह 'क्या निराश हुआ जाए?' लगाना उचित समझता हूँ। समाज में व्याप्त बुराइयों के बीच रहते हुए भी जीवन जीने के लिए सकारात्मक दृष्टि जरूरी है।
Solution 7
''आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।'' - मैं इस कथन से सहमत हूँ क्योंकि व्यक्ति जब आदर्शो की राह पर चलता है तब उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। असामाजिक तत्वों का अकेले सामना करना पड़ता है।
Kya Nirash Huaa Jaae Exercise भाषा की बात
Solution 1
सुख और दुख |
सुख-दुख |
भूख और प्यास |
भूख-प्यास |
हँसना और रोना |
हँसना-रोना |
आते और जाते |
आते-जाते |
राजा और रानी |
राजा-रानी |
चाचा और चाची |
चाचा-चाची |
सच्चा और झूठा |
सच्चा-झूठा |
पाना और खोना |
पाना-खोना |
पाप और पुण्य |
पाप-पुण्य |
स्त्री और पुरूष |
स्त्री-पुरूष |
राम और सीता |
राम-सीता |
आना और जाना |
आना-जाना |
Solution 2
जातिवाचक संज्ञा : बस, यात्री, मनुष्य, ड्राइवर, कंडक्टर,
हिन्दू, मुस्लिम, आर्य, द्रविड़, पति, पत्नी आदि।
भाववाचक संज्ञा : ईमानदारी, सच्चाई, झूठ, चोर, डकैत आदि।