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Class 9 NCERT Solutions Hindi Chapter 15a - Arun Kamal - Naye IlaaKe Me [Poem]

Arun Kamal - Naye IlaaKe Me Exercise प्रश्न-अभ्यास

Solution 1 - क

नए बसते इलाके में कवि रास्ता भूल जाता है क्योंकि वहाँ पर प्रतिदिन नए मकान बनते चले जा रहे हैं। इन मकानों के बनने से पुराने पेड़, खाली ज़मीन, टूटे-फूटे घर सब कुछ गुम हो गए हैं। कवि ने अपने घर तक पहुँचने के लिए जो निशानियाँ बनाई थी वो भी इस नित्य प्रतिदिन बदलाव के कारण मिट गयी हैं। इसलिए कवि रास्ता भूल जाता है।

Solution 1 - ख

इस कविता में निम्नलिखित पुराने निशानों का उल्लेख है - पीपल का पेड़, ढहा हुआ घर, ज़मीन का खाली टुकड़ा, बिना रंग वाले लोहे के फाटक वाला मकान आदि।

Solution 1 - ग

कवि ने अपने घर तक पहुँचने के लिए कुछ निशानियाँ बना रखीं थी जैसे - पीपल का पेड़, ढहा हुआ घर, ज़मीन का खाली टुकड़ा, बिना रंग वाले लोहे के फाटक वाला मकान आदि जो नित्य-प्रतिदिन होनेवाले बदलाव के कारण मिट गईं हैं इसलिए कवि एक घर पीछे या दो घर आगे अपने घर को ढूँढते हुए चल देता है। 

Solution 1 - घ

'वसंत का गया पतझड़' और 'बैसाख का गया भादों को लौटा' से अभिप्राय ऋतु परिवर्तन और एक लंबे अंतराल से है। जिस प्रकार एक ऋतु और दूसरी ऋतु के बदलने में काफ़ी समय लगता है ठीक उसी प्रकार कवि भी काफ़ी समय बाद अपने घर लौटे हैं। अत:उन्हें अपने घर को ढूँढने में मुश्किल हो रही है।

Solution 1 - ड.

इस कविता में समय की कमी की ओर इशारा इसलिए किया है क्योंकि जिस प्रकार से समय तेजी से बदलता जा रहा है, तो उसके साथ तालमेल बिठाने के लिए लोगों का व्यवहार भी उसी रफ़्तार से बदल रहा है। हर कोई यहाँ प्रगति की दौड़ में अंधाधुंध भाग रहा है। अत: आज सभी के पास समय का अभाव है। 

Solution 1 - च

इस कविता में कवि ने शहरों की हर क्षण बदलती प्रवृत्तिवाली विडंबना की ओर संकेत किया है। शहरों में जीवन की सहजता समाप्त होती जा रही है, इस परिवर्तनशील दौर में मनुष्य संवेदनशून्य हो चला है। बनावटी चीज़ों के प्रति लोगों का लगाव बढ़ता जा रहा है। सब आगे निकलना चाहते हैं, आपसी प्रेम, लगाव और आत्मीयता घटती जा रही है। लोगों की और रहने के स्थान की पहचान खोती जा रही है। स्वार्थ केन्द्रित लोगों के पास दूसरे के लिए समय ही नहीं है। आज की चीज़ कल पुरानी पड़ जाती है, कुछ भी स्थाई नहीं है। यहाँ केवल स्मृतियों के सहारे जीया नहीं जा सकता है।

Solution 2 - क

प्रस्तुत पंक्तियों द्वारा कवि यही कहना चाहता है कि आज के इस बदलते परिवेश में स्मृतियों के सहारे नहीं जीया जा सकता है क्योंकि आज प्रतिदिन दुनिया का नक्शा बदलता रहता है। समय की गतिशीलता के साथ दुनिया भी गतिशील होती जा रही है

Solution 2 - ख

प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने समय की कमी की ओर इशारा किया है। समय की गतिशीलता के कारण पहचान के पैमाने बदल चूके हैं क्योंकि आज कुछ भी स्थायी नहीं है। परन्तु इस बदलते परिवेश में भी अभी भी एक आशा की किरण बची हुई है कि कहीं से कोई पुराना परिचित मिल जाय और सहायता कर दे।

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