Class 7 NCERT Solutions Hindi Chapter 19 - Aashram Ka Anumaanit Vyy
Aashram Ka Anumaanit Vyy Exercise प्रश्न-अभ्यास
Solution 1
गाँधीजी स्वयं स्वावलंबी और आत्मनिर्भर होने के कारण अपने सानिध्य में आनेवाले सभी को स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाना चाहते थे।
Solution 2
गाँधीजी पहले से हिसाब-किताब में चुस्त थे। अपने विद्यार्थी जीवन में भी गाँधीजी पाई-पाई का हिसाब रखते थे। वे कभी भी फिजूलखर्ची नहीं करते थे यहाँ तक कि पैसा बचाने के लिए वे कई बार कई किलोमीटर पैदल यात्रा करते थे क्योंकि उनका मानना था कि धन को जरुरी कामों में ही खर्च करना चाहिए। इसी हिसाब-किताब की चुस्ती के कारण वे सारे आंदोलनों को सफलतापूर्वक चला पाएँ।
Solution 3
यदि हमें कोई बाल आश्रम खोलना है तो हमें निम्नलिखित मदों पर खर्च करना होगा -
|
खर्च |
इमारत |
10 लाख |
प्रबंधक |
15,000 मासिक |
सहायक कर्मचारी |
35,000मासिक |
बालकों के वस्त्र, बिस्तर, पुस्तकें, शिक्षा व्यवस्था आदि। |
2 लाख सालाना |
खाद्य पदार्थों पर खर्च |
25,000 मासिक |
अन्य खर्च - बिजली, पानी, रख-रखाव, चिकित्सा आदि। |
30,000 मासिक |
कुल अनुमानित खर्च |
3 लाख 5 हजार |
Solution 4
- फल-सब्जियाँ उगाना - मुझे फल-सब्जियाँ बेहद पसंद होने के कारण उन्हें उगाना पसंद हैं परन्तु शहरी वातावरण में रहने के कारण तथा घर छोटा होने के करण मैं यह कार्य नहीं कर पा रहा हूँ।
- कपड़े सिलना - मुझे नित नए कपडे पहनने का शौक होने के करण में कपड़े सिलना पसंद करता हूँ परन्तु अनुभव न होने के कारण मैं यह काम नहीं कर पा रहा हूँ।
लेकिन इस बार मैंने निश्चय किया है कि छुट्टियाँ शुरू होते ही दादाजी के पास गाँव जाऊँगा और फल-सब्जियों से संबंधित ज्ञान प्राप्त करूँगा।
Solution 5
इस अनुमानित बजट को गहराई से पढ़ने के बाद आश्रम के उद्देश्य निम्न हो सकते हैं - स्वावलंबन का पाठ पढ़ाना,
लोगों को आजीविका प्रदान करना, लघु उद्योग को बढ़ावा देना, श्रम को बढ़ावा देना।
आश्रम की कार्यप्रणाली मुख्यतः आत्मनिर्भरता, आपसी सहयोग व सरलता पर आधारित थी।
Aashram Ka Anumaanit Vyy Exercise भाषा की बात
Solution 1
इत प्रत्ययान्त शब्द |
मूल शब्द |
प्रत्यय |
प्रमाणित |
प्रमाण |
इत |
व्यथित |
व्यथा |
इत |
द्रवित |
द्रव |
इत |
मुखरित |
मुखर |
इत |
झंकृत |
झंकार |
इत |
शिक्षित |
शिक्षा |
इत |
मोहित |
मोह |
इत |
चर्चित |
चर्चा |
इत |
Solution 2
इत प्रत्ययान्त शब्द |
मूल शब्द |
प्रत्यय |
मौखिक |
मुख |
इक |
संवैधानिक |
संविधान |
इक |
प्राथमिक |
प्रथम |
इक |
नैतिक, |
नीति |
इक |
पौराणिक |
पुराण |
इक |
दैनिक |
दिन |
इक |
Solution 3
समस्त पद |
विग्रह |
ऋणमुक्त |
ऋण से मुक्त |
स्नानघर |
स्नान के लिए घर |
देशनिकाला |
देश से निकाला |
गंगातट |
गंगा का तट |
नीतिनिपुण |
नीति में निपुण |
पराधीन |
पर के आधीन |
उपर्युक्त विग्रह को देखने से ज्ञात होता है कि दूसरा शब्द पहले शब्द की सार्थकता को स्पष्ट कर रहा है।